ऐतिहासिक गुरुद्वारा में सम्मानित हुए कुलविंदर
1664 ईस्वी में गुरु तेग बहादुर जी गुरु बनने के बाद अमृतसर दरबार साहब के दर्शन को आए थे लेकिन पुजारी के विरोध के बाद में लौट गए और वल्ला नामक स्थान में माता हरो जी के यहां ठहरे थे।
यहां दो दिवसीय गुरमत समागम हो रहा है और वहीं पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधक बलबीर सिंह एवं हजूरी ग्रंथी सरदार रघुवीर सिंह के द्वारा गुरु घर की ओर से शिरोपा आशीष रूप में भेंट किया गया।
प्रबंधक के साथ जमशेदपुर के गुरुद्वारों के धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संगठन की भी जानकारी साझा की।