प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने 14 फरवरी के दिन या कहे तो मातृ पुजन दिन को, पूरा दिन मानव सेवा के जरिए पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवान शहीद सपूतों के नाम किया समर्पित.

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*आज दिनांक 14 फरवरी 2024, जहां देश के कई हिस्सों में वैलेंटाइन डे पर लोग मशगूल है. वहीं देश के ज्यादातर हिस्सों में इस दिन को मातृ पुजन दिन के साथ साथ, भारत की आन, बान और शान भारत देश के वीर जवान, जो पुलवामा हमले में शहीद हुए उन सपूतों के नाम विभिन्न तरह के मानव सेवा के जरिए किया समर्पित. इसी कड़ी के तहत आज झारखंड राज्य के जमशेदपुर के प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने भी 14 फरवरी के इस दिन को पुलवामा हमले में शहीद हुए उन सभी वीर जवानों के नाम विभिन्न तरह के मानव सेवा के जरिए किया समर्पित. जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र स्थित नव जागृत मानव समाज कुष्ठ आश्रम परिसर में, आज प्रातः बेला शहर के जाने-माने समाजसेवी एवं अध्यक्ष विश्वजीत मनीमेला, बी.एस.प्रकाश.राव एवं उनके धर्मपत्नी बी.स्वराज. लक्ष्मी जी के वैवाहिक वर्षगांठ को वहां रह रहे 50 पीड़ित एवं असहाय लोगों के लिए उत्तम से उत्तम भोजन की व्यवस्था किया गया. एवं सबसे महत्वपूर्ण रहा प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के कुमारेस हाजरा, उत्तम कुमार गोराई, शुभेंदु मुखर्जी एवं अजित कुमार भगत जी ने सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान कर, साथ ही साथ कई योद्धा पुलवामा हमले में शहीद हुए उन सभी वीर जवान शहीद सपूतों के नाम स्वैच्छिक रक्तदान के जरिए कई अंधेरारूपी जीवन में दिया जलाने का कार्य कर, सभी शहीद हुए जवानों को शत शत नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पण किया. जहां दिनभर ऐसे कार्यों के चलते देश के प्रति एवं उन जवानों के प्रति जो हमारे देश के खातिर लोहा लेते हुए अपने जीवन समर्पित किया है. कहीं ना कहीं हम सबों के अंदर देश के प्रति अपार देशप्रेम को एक अलग मजबूती प्रदान करता है. आज प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन इन सभी लोगों का जिन्होंने इस दिन को इन शहीद जवानों के नाम समर्पित किया. उन सभी के लिए तहे दिल से आभार प्रकट करता है एवं आज के इस दिन भारत के उन सभी वीर जवान शहीद, जिन्होंने पुलवामा हमले में भारत देश के खातिर वीरगति को प्राप्त हुए हैं. उन सभी को शत शत नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पण करता है. इस पावन बेला पर उपस्थित रहे बी. एस. प्रकाश राव, बी. स्वराज. लक्ष्मी, संजय चौधरी, दीपक कुमार मित्रा, अरिजीत सरकार, किशोर साहू, उत्तम कुमार गोराई, रवि शंकर पात्रो, गवरैल, बिष्टु, एवं सुलोचना.

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