चांडिल।(जगन्नाथ चटर्जी)नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह चांडिल में खुदीराम बोस की जयंती मनाई गई इसमें उपस्थित संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे ने कहा की खुदीराम बोस का जन्म: 03 दिसम्बर 1889 – मृत्यु : 11 अगस्त 1908 ) भारतीय स्वाधीनता के लिये मात्र 18 वर्ष की आयु में भारतवर्ष की स्वतन्त्रता के लिए फाँसी पर चढ़ गये. कुछ इतिहासकारों की यह धारणा है कि वे अपने देश के लिये फाँसी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के ज्वलन्त तथा युवा क्रान्तिकारी देशभक्त थे. किंतु खुदीराम से पूर्व 17 जनवरी 1872 को 68 कूकाओं के सार्वजनिक नरसंहार के समय 13 वर्ष का एक बालक भी शहीद हुआ था. उपलब्ध तथ्यानुसार उस बालक को, जिसका नंबर 50 वाँ था, जैसे ही तोप के सामने लाया गया, उसने लुधियाना के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर कावन की दाढ़ी कसकर पकड़ ली और तब तक नहीं छोड़ी जब तक उसके दोनों हाथ तलवार से काट नहीं दिये गए बाद में उसे उसी तलवार से मौत के घाट उतार दिया गया था इसमें उपस्थित कॉलेज के प्राचार्य जयदीप पांडे , सुदीष्ट कुमार, शांति राम महतो ,कृष्ण चंद्र महतो, देव कृष्णा महतो, अजय कुमार मंडल, गौरव महतो सहित कई लोग उपस्थित थे.