
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से हथियार भी बरामद किए हैं।
दोनों आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे। पुलिस को इनके ठिकाने की गुप्त सूचना मिली, जिसके बाद देर रात छापेमारी कर दोनों को दबोच लिया गया। फिलहाल पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।
बताया जा रहा है कि इन दोनों की तलाश उस वक्त से की जा रही थी जब इनके एक साथी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। इससे पहले इस गिरोह से जुड़े आकाश सिंह को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
इस गिरोह का नाम दशरथ शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था। दशरथ ने पूछताछ में बताया था कि हरेराम सिंह के घर पर फायरिंग की घटना प्रिंस खान- सुजीत सिन्हा गिरोह के इशारे पर की गई थी, ताकि रंगदारी वसूली जा सके।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।दोनों शूटरों के खिलाफ आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह के सरगना सुजीत सिन्हा और प्रिंस खान जेल में रहते हुए ‘भी अपने गुर्गों के माध्यम से हत्या, रंगदारी और आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों अपराधियों का नाम रांची में गिरफ्तार दशरथ शुक्ला के बयान में आया था। दशरथ ने अपने बयान में बताया था कि वह और उसके साथी गैंगस्टर सुजीत सिन्हा, प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा
की पत्नी रिया सिन्हा के लिए रांची और जमशेदपुर में काम करते हैं। वर्ष 2019 में जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में दशरथ शुक्ला की मुलाकात कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा से हुई थी। इसके बाद से सभी उसके संपर्क में रहे और रंगदारी वसूलने में शामिल रहे। दशरथ शुक्ला बयान के मुताबिक, 2 अक्तूबर 2025 को वह अपने साथी बर्मामाइंस के के
आकाश कुमार सिंह के साथ रांची गया था। वहां कांके-चौटनी चौक के पास गैंग के सदस्यों बबलू खान, मो. सिराज उर्फ मदन और मो. शाहिद से काली रंग की कार में छह पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस लिए। इनमें से तीन पिस्टल और 25 कारतूस को उन्होंने जमशेदपुर के अपराधियों राजेश (केबल टाउन), काशीडीह निवासी कोदू उर्फ कोदू पाजी को दी थी

