
शहर में आज चित्रगुप्त पूजा बड़े ही हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। कायस्थ समाज के लोग सुबह से ही पूजा-अर्चना में लीन हैं। मान्यता है कि इस दिन कायस्थ समाज के लोग कलम नहीं उठाते, क्योंकि यह पूजा कलम और दवात की होती है — जो ज्ञान और लेखन के प्रतीक माने जाते हैं।
शहर में समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा लगभग 20 स्थानों पर पूजा का आयोजन किया गया है। पूजा के अवसर पर समाज के लोग एक-दूसरे से मिलते-जुलते, प्रसाद ग्रहण करते और भगवान चित्रगुप्त से आशीर्वाद मांगते नजर आए।
समाज के कई लोगों ने बताया कि कायस्थ समुदाय ने देश की आज़ादी और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, स्वामी विवेकानंद और जयप्रकाश नारायण जैसे महान व्यक्तित्व इसी समाज से आते हैं। वक्ताओं ने कहा कि इन विभूतियों ने देश को दिशा दी, लेकिन अपने समाज के प्रचार-प्रसार पर कम ध्यान दिया। अब समय आ गया है कि कायस्थ समाज एकजुट होकर आगे बढ़े और अपनी पहचान को नई ऊंचाइयों तक ले जाए।