झारखण्ड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनर तले झारखण्ड राज्य के तमाम वनरक्षी शुक्रवार से अनिश्चित्कालीन हड़ताल पर चले गए हैँ, इन्होने झारखण्ड सरकार द्वारा विगत दिनों झारखण्ड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2014 मे अस्तिकारी संसोधन को वापस लिए जाने की मांग को लेकर राज्य भर मे यह आंदोलन छेड़ा है,

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जमशेदपुर मे भी जिले भर के वनरक्षियों ने सिंघभूम आरसीसीएफ कार्यालय परिसर मे ही अनिश्चित्कालीन धरना शुरू कर दिया है, संघ के संयुक्त मंत्री उमेश सिंह ने कहा की राज्य भर के 1700 वनरक्षी हड़ताल सह धरने पर बैठे हैँ, इन्होने कहा की वर्ष 2014 मे बने नियमावली के तहत इन सबकी बहाली वर्ष 2017 मे हुई थी, और इसमें नियम था की पदोन्नति के तहत प्रधान वनरक्षी एवं वनपाल के पद पर 100 प्रतिशत अधिकार वनरक्षियों का था, लेकिन अब नये नियमावली के तहत इसे 100 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है, और 50 प्रतिशत हिस्से पर सीधे बाहर से बहाली ली जाएगी, और इसी का विरोध तमाम वन रक्षी कर रहें हैँ, इन्होने स्पस्ट रूप से कहा की जब तक इनकी माँग पूरी नहीं हो जाती तब तक इनका आंदोलन जारी रहेगा.उमेश सिंह ( संयुक्त मंत्री )वहीँ इस मामले मे सिंघभूम आरसीसीएफ स्मिता पंकज ने कहा की इनकी मांगो से सम्बंधित मांग पत्र को राज्य सरकार के पास भेजा जा रहा है, वहीँ धरने से कार्य पर असर पड़ने के सवाल पर उन्होने कहा की थोड़ा बहुत असर तो कार्य पर जरूर पड़ेगा, वहीँ ग्रामीण क्षेत्रों मे वनरक्षियों के अनुपस्थिति मे हाथी मानव द्वन्द होने की संभावना आदि के सवाल पर उन्होने कहा की हाथी के प्रकोप वाले क्षेत्रों मे क्यूआरटी टीम मौजूद हैँ जो स्तिथि पर नियंत्रण करेंगे स्मिता पंकज ( आरसीसीएफ, सिंघभूम )

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