*जिसमे 87 प्रभावित गांव के प्रतिनिधि और समाजसेवी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता ग्रामीण मुंडा श्री साधु पाड़ेया ने की। बैठक में वर्तमान झारखंड सरकार के द्वारा विस्थापितों के हित में एक भी निर्णय/प्रस्ताव नही लिए जाने पर रोष व्यक्त किया गया और निंदा की गई। हेमंत सोरेन की अगवाई वाली झारखड़ी सरकार से विस्थापितों को काफी उम्मीदें थीं। किंतु ये सरकार भी जुमलेबाज निकली। सरकार के आखिरी मानसून सत्र में कुजू डैम रद्द करने को लेकर जनजातीय परामर्शदातृ परिषद सदस्य सह विधायको(झामुमो)को ज्ञापन सौंपा गया था। मंत्री और विधायकों ने हर बार की तरह सिर्फ झूठा आश्वासन मात्र दिया। बैठक को सम्बोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बुड़ीउली ने सरकार को चेतावनी दी है कि झारखंडी सरकार में आदिवासी, मूलवासियों, रैयतों और खतियानीयों को विस्थापित करने का खेल खेला जा रहा है। जिस तरह हेमंत सोरेन ने 2019 के चुनाव के पूर्व झारखंड/कोल्हान में संघर्ष यात्रा और बदलाव यात्रा निकालकर हम विस्थापितों को ठगने का काम किया है। अब संघ कोल्हान में हेमंत सोरेन के मंत्री और विधायकों का शव यात्रा निकलेगी। झामुमो की सरकार ने आदिवासी मूलनिवासियों को न्याय देने का सुनहरा अवसर खो दिया और यह हमलोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है ।बैठक में बिर सिंह बुड़ीउली, दशकन कुदादा, सुरेश सोय, रेयांश सामड, उदय बंकीरा, शयाम कुदादा, गुलिया कालुंडिया, बिरसा गोडसोरा, मोनसा बोदरा, कृष्ण बानरा, मनमोहन सिंहदेव, मोतीलाल सामड, सुनील गगराई, रेणु लागुरी, फुलमनी गोडसोरा, नदिया लागुरी,गीता बानसिंह आदि ग्रामीण उपस्थित थे।