गढ़वा : एमजीसीपीएल कंपनी के द्वारा निर्माणाधीन फ्लाईओवर पिलर नंबर एक के पास गोली चलाने वाला तीन अपराधियों को गढ़वा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अपराधियों में सिमडेगा जिला के बानो थाना क्षेत्र के बुझगा गांव निवासी स्वर्गीय भागीरथ सिंह का पुत्र विक्रम सिंह, गुमला जिला के पालकोट थाना क्षेत्र के कुम्हार टोली निवासी अशोक केवट का पुत्र सूरज केवट एवं पालकोट रोड डिक्शनरी मोहल्ला निवासी स्वर्गीय नानहु राम पासवान का पुत्र सूरज पासवान उर्फ सूरज राम के नाम शामिल है। पुलिस ने उसके पास से घटना में शामिल एक मोटरसाइकिल तथा एक मोबाइल फोन बरामद किया है। इसकी जानकारी बुधवार को पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय के सभागार में दीं। एसपी ने बताया कि मेराल थाना क्षेत्र के एमजीसीपीएल कंपनी के निर्माणाधीन फ्लाईओवर पिलर नंबर एक के पास 11 जुलाई को शाम 6:30 बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर तीन अज्ञात अपराधकर्मीयों के द्वारा फायरिंग की घटना की गई थी। इसके बाद मेराल पुलिस ने इस कांड का प्राथमिक दर्ज किया। उन्होंने बताया कि इस घटना के उद्वेदन एवं अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसआईटी टीम का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि एसआईटी टीम द्वारा जुटाए गए तकनीकी एवं वैज्ञानिक साक्ष के आधार पर इस घटना में अमन साव गिरोह का हाथ होने की पुष्टि हुई । उन्होंने बताया कि संपूर्ण घटनाक्रम में मलेशिया के क्वालालामपुर से मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा के द्वारा सिमडेगा जेल में बंद आशीष साहू उर्फ पकौड़ी एवं आकाश राय उर्फ मोनू राय के साथ सिमडेगा जेल से बाहर आए विक्रम सिंह से यह घटना कराई गई है। उन्होंने बताया कि इस घटना में विक्रम सिंह के साथ दो अन्य लोग होने का शख्स मिला था। इसके आधार पर एसआईटी टीम के द्वारा गुमला, सिमडेगा, खूंटी एवं पलामू में लगातार छापामारी की जा रही थी। इसी क्रम में उन्हें गुप्त सूचना मिला की 24 जुलाई को डुमरो गांव के पास एक बाइक पर सवार तीन लोगों को पकड़ा गया है । उन्होंने बताया कि पूछताछ के क्रम में उक्त तीनों ने फायरिंग की घटना में अपनी संलिपिता को स्वीकार किया है। एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने बताया कि मयंक सिंह, आशीष एवं मोनू राय के कहने पर उक्त लोगों द्वारा 11 जुलाई को मेराल थाना पहुंचकर गोली चलाने की घटना का अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उनके साथ दो अन्य लोग इस घटना में शामिल थे। एसपी ने बताया कि मयंक सिंह के द्वारा उसे संपर्क कराया गया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए उसे दो पिस्टल, 20 गोली एवं 65 हजार रुपये नगद 7 जुलाई को उपलब्ध कराया गया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना के अंजाम देने के बाद बिक्रम सिंह 13 जुलाई को रायपुर पहुंचा। उन्होंने बताया कि दो अन्य शूटर को जिनको रायपुर में गोली चलाना था उन्हें हथियार उपलब्ध कराया। इसके बाद विक्रम सिंह गुमला जाकर अपना पहना हुआ कपड़ा एंव मोबाइल तोड़कर जंगल में फेंक दिया। जिसे बरामद करने के लिए गढ़वा से एक पुलिस टीम को गुमला भेजी गई है।पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने से 2 दिन पूर्व दो लोग गढ़वा पहुंचकर रैंकिंग किया था । उन्होंने बताया कि विक्रम सिंह पर सात मामले पूर्व से चले आ रहे हैं । वह 29 जून को जेल से छूटकर बाहर आया था। इसके अलावे सूरज पासवान पर चार मामले पहले से दर्ज हैं । उन्होंने बताया कि सूरज केवट पर भी दो मामले चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कांड का उद्वेदन करने को लेकर इसमें शामिल सभी पुलिस पदाधिकारी को रिवॉर्ड दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि छापामारी दल में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नीरज कुमार, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय यशोधरा, प्रशिक्षित पुलिस उपाधीक्षक चिरंजीवी मंडल, मेराल थाना प्रभारी विष्णु कांत सहित कई पुलिस पदाधिकारी व जवान शामिल थे।