झारखंड सरकार ने सरायकेला के गम्हरिया प्रखंड को डिग्री कॉलेज की सौगात दी है. आपको बता दें कि अविभाजित बिहार के समय से क्षेत्र के छात्र- छात्राओं के लिए डिग्री कॉलेज की मांग रही है.

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झारखंड गठन के 23 साल बाद मुख्यमंत्री बनते ही चंपाई सोरेन ने क्षेत्र के युवाओं को डिग्री कॉलेज की सौगात दी, मगर यहां के कुछ ग्रामीण इसके विरोध में उतर गए हैं. बता दें कि गम्हरिया प्रखंड के बुरुडीह पंचायत में डिग्री कॉलेज प्रस्तावित है. इसके लिए जमीन का सीमांकन कार्य चल रहा है, मगर करीब 5 एकड़ जमीन को लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि बगैर ग्राम सभा की सहमति के हम जमीन नहीं दे सकते. जो ग्राम सभा बुलाई गई है वो फर्जी है इसमें पारंपरिक माझी बाबा अनुपस्थित हैं. जिस जमीन पर विवाद है वह आदिवासी लैंड है. ग्राम सभा वहां होनी चाहिए थी, मगर सरकार उनको बेदखल करना चाहती है. इधर रविवार को बुलाए गए ग्राम सभा मे दो पक्ष के ग्रामीण आपस में उलझ पड़े. हालात इतने बिगड़े की दोनों तरफ से हाथापाई शुरू हो गई. एक पक्ष डिग्री कॉलेज बनाने की वकालत कर रहे हैं तो दूसरा पक्ष इसे ग्राम सभा का अपमान बताते हुए विरोध कर रहे हैं. वहीं अंचलाधिकारी ने बताया कि जितने भी भूखंड हैं वह अनाबाद झारखंड सरकार की भूमि है. एक इंच जमीन भी मूल रैयतों का नहीं लिया जा रहा है, जो विरोध कर रहे हैं उनकी मांग उचित नहीं है. बावजूद इसके उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि किसी का भी मकान टूटने नहीं दिया जाएगा. इस बीच कांड्रा थाना प्रभारी, सीओ, मुखिया, और ग्राम प्रधान की मौजूदगी में ग्राम सभा संपन्न करायी गयी. सभी से रजिस्टर में हस्ताक्षर लिए गए. विरोध कर रहे ग्रामीणों का विरोध जारी रहा.

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