स्कूलों में अबतक ग्रीष्मकालीन समय सारिणी बदला नहीं गया है। जिसके कारण बच्चों को भीषण गर्मी एवं लू का सामना करना पड़ा रहा है, आये दिन गर्मी के कारण बच्चे बेहोश एवं बीमार हो रहे हैं साथ ही इस गर्मी से शिक्षक एवं अभिभावकों को भी परेशानी हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए अविलम्ब स्कूल की ग्रीष्णकाली समय सारिणी में बदलाव करने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त कोरोना काल का दुष्प्रभाव से आज भी अभिभावकगण आर्थिक तंगी एवं परेशानी झेल रहे हैं। कई लोगों की नौकरी चली गयी है एवं व्यवसायिक वर्गमी आर्थिक तंगी एवं बैंक के कर्ज से परेशान हैं। इसके बावजूद भी परिवार वाले अपने बच्चों को किसी तरह शिक्षा प्रदान करना चाहते हैं। परन्तु आये दिन निजी स्कूल प्रबंधकों के द्वारा फिस जमा नहीं करने पर बच्चों को कक्षा से निकाल देना, धूप में खड़ा कर देना, फिस देने हेतु बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को सामूहिक रूप से बेईज्जत करना, मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, बच्चों को परीक्षा में शामिल नहीं होने देना आदि समाचार आये दिन मिडीया में आ रहे हैं, जो अति निन्दनीय
एवं अमानवीय है। अविलंब उचित कार्रवाई कर बच्चों एवं उनके अभिभावकों को राहत दिलाने की बात कही अन्यथा संगठन इन ज्वलरा एवं मानवीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेगा, जिसकी जवाबदेही जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार की होगी।