जहां आए दिन किन्नर को होने वाली समस्या पर चर्चा की गई। इस सेमिनार में टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेज ओर सामाजिक संस्था के सदस्य लोग अपने-अपने विचार रखें। वही थर्ड जेंडर अमरजीत का कहना है। इस तरीके का कार्यक्रम से थर्ड जेंडर को काफी फायदा पहुंचेगा क्योंकि लोग थर्ड जेंडर और किन्नर को एक जैसा समझते हैं जबकि गेह किन्नर और थर्ड जेंडर में बहुत अंतर होता है। जबकि मैं एक थर्ड जेंडर हूं लोग समझते हैं की थर्ड जेंडर भी ताली बजाकर मांगना जबकि आज के डेट में यह ट्रांसजेंडर यह करना नहीं चाहते। वह भी पढ़ना लिखना चाहते हैं और अच्छा फील्ड में काम करना चाहते हैं। इस तरीके का कार्यक्रम करने से निश्चित ही ट्रांसजेंडर में चेंज आएगा।
वही कार्यक्रम को कंडक्ट करने कोलकाता से आए। इस तरीके का कार्यक्रम करना उद्देश्य है कि जो थर्ड जेंडर कैसे-कैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कैसे इन समस्याओं से वह आगे निकल। वर्क कल्चर अस्पतालों में या स्टडी सर्किल में कैसे वह आगे निकल इन सब चीजों को लेकर लोगों को बताया जा रहा है।