विस्थापित मुक्ति वाहिनी, संयुक्त वन रक्षा कमिटी एवं गांव गणराज्य लोक समिति ने संयुक्त रूप से किया बैठक

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चांडिल। निर्मल भवन में चांडिल, बांध के समीप, शीशमहल में विस्थापित मुक्ति वाहिनी, संयुक्त वन रक्षा कमिटी एवं गांव गणराज्य लोक समिति के संयुक्त तत्वधान में वन अधिकार कानून 2006 के तहत सामुदायिक वन संसाधन अधिकार एवं वन प्रबंधन अधिकार की प्रक्रिया पर तीन दिवसीय कार्यशाला आज संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से आए हुए बेनीपुरी जी ने वन अधिकार कानून के सभी स्तर के समिति के बारे में बताएं।
धारा 3 (1)(क) के तहत व्यक्तिगत दावों को प्रक्रिया करने की हर एक पहलू को बताएं।*
धारा 3 (1) (ख) के तहत सामुदायिक वन अधिकार वन क्षेत्र में मवेशी चराने, मिट्टी का निस्तार का अधिकार
धारा 3 (1) (ग) के तहत वन उपज संग्रहण, बेचने का अधिकार
धारा 3 (1) (घ) के तहत वन से लघु खनिज का निस्तार, जल, बालू आदि का निस्तार का अधिकार
धारा 3 (1) (ङ) के तहत अतिविशिष्ट जनजाति के लिए बसवास का अधिकार
धारा 3 (1) (ट) के तहत जैव विविधता बनाए रखने का अधिकार
धारा 3 (1) (ठ) के तहत रूढ़िगत परंपरा के अनुसार सरना जाहेर थान, देवी देवता स्थान आदि का अधिकार
धारा 3 (1) (झ) के तहत पारंपरिक सीमा के अंदर उपयोग, संरक्षण, संवर्धन, प्रबंधन का अधिकार प्राप्त है। कार्यशाला में डोमन बास्के, सुधीर टुडू, भानु माझी, अमर बिरहोड़, सुकलाल माझी, बृहस्पति सिंह (सरायकेला खरसावां), देवेन सिंह, चरण कुमार, निधि, देवेंद्र नाथ महतो, कुमार दिलीप, अरविंद अंजुम (पूर्वी सिंहभूम), एलिन अर्चना लकड़ा, तेजस्विता (दिल्ली), हरीश, बेनीपुरी (छत्तीसगढ़) से शामिल हुए।

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