मोर्चा के सदस्यों ने कॉलेज की प्राचार्य पर इंटरनेशनल सेमिनार के नाम पर फर्जीवाड़ा कर धन उगाही करने का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय से प्राचार्य को बर्खास्त करने की मांग की है. वही इस संबंध में कॉलेज की प्राचार्य ने खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, कि सारे लेन देन पारदर्शी तरीके से की गई है. कांफ्रेंस के नाम पर किसी छात्र से पैसे नहीं लिए गए हैं, और यूनिवर्सिटी एवं कॉलेज संचालन समिति को इसकी जानकारी दी गई है. यूनिवर्सिटी के निर्देश पर ही सारे खर्च किए गए हैं. उन्होंने किसी भी जांच के लिए खुद को तैयार बताया.