कानून का रखवाला ही अगर पियक्कड़ हो जाए तो लोग किस पर भरोसा करेंगे और किसके सहारे कानून को बचाने की बात करेंगे

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जी हां हम बात कर रहे हैं बिष्टुपुर थाना में पदस्थापित दरोगा का जो शराब के नशे में देर रात सड़क पर तांडव करता रहा पहले तो लोगों को यह लगा कि एक्सीडेंट हुआ है। लेकिन करीब आधे घंटे के नौटंकी के बाद यह पता चला यह तो शराब के नशे में चूर है ।इतना ही नहीं इसके सहपाठी अपने आप को इंस्पेक्टर बता रहा है। और यह भी शराब के नशे में धुत है ।वैसे जो व्यक्ति अपने आपको इंस्पेक्टर बढ़ता रहा था वह भी बिष्टुपुर थाना में दरोगा के पद पर पदस्थापित हैं ।वैसे दोनों शराब पीकर सड़क पर तांडव करता रहा और लोग यह समझते रहे कि यह तो एक्सीडेंट का मामला है। लेकिन कुछ देर बाद जब बिष्टुपुर थाना को फोन किया गया और बिष्टुपुर थाना पहुंचा तो पूरा मामला साफ हो गया ।क्योंकि जो वर्दी में है वह तो पहचान आ रहा है और जो वर्दी में नहीं है वह भी बिष्टुपुर थाना का दरोगा ही है ।अब आप समझिए कि नशा के खिलाफ अभियान चलाने वाली पुलिस अगर खुद को नशा करें तो नशेड़ी क्यों नहीं मस्त रहेगा।

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