जमशेदपुर पंथिक सिद्धांत से जोड़ने का माध्यम है फिल्म दस्तार फिल्म के चरणजीत सिंह अमन सम्मानित हुए

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फिल्म एवं टीवी के माध्यम से नई पीढ़ी तक सिख धर्म के बुनियादी सिद्धांत पहुंचाए जा सकते हैं और उसकी जड़े मजबूत की जा सकती है। दस्तार फिल्म के निर्माता चरणजीत सिंह अमन के अनुसार 1982 से वे टेलीविजन के लिए डॉक्यूमेंट्री बनाते रहे हैं उन्होंने कई टीवी सीरियल भी बनाए हैं। इसी क्रम में जब वे पंजाब जाते थे तो यह उन्हें बहुत तकलीफ देता था। जहां सिख पंथ का बुनियाद रखा गया जहां की शान आन बान का प्रतीक दस्तार है। वहां से दस्तार धीरे-धीरे लोप हो रही है। हरियाणा पंजाब में बड़े बड़े गुरुद्वारे हैं बड़े बड़े धार्मिक स्कूल है बड़ी कमेटियां हैं जिनका बजट अरबों रुपए का है। किंतु वहां दस्तार कमजोर होती हुई दिख रही थी। इसके बाद ही उन्होंने फैसला लिया है कि वह गुरद्वारा की बजाय फिल्म निर्माण करेंगे और बच्चों को सिख पंथ के बुनियादी सिद्धांत के साथ जोड़ेंगे। इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने दस्तार फिल्म बनाई है। दिसंबर में वह सिनेमाघरों में रिलीज होगी इस पर डेढ़ करोड़ लागत आई है। शैलेंद्र सिंह से वायदा हुआ था उसी के अनुरूप वह जमशेदपुर की संगत को यह फिल्म दिखाना चाहते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने अगले प्रोजेक्ट सचखंड एक्सप्रेस की चर्चा की। जिसके माध्यम से श्री दरबार साहिब एवं श्री हजूर साहिब की अहमियत भी दर्शाएंगे।
शहर पहुंचने पर संस्था पैगाम ए अमन के अध्यक्ष गुरदीप सिंह पप्पू, झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान शैलेंद्र सिंह, सामाजिक संस्था सांझी आवाज के सरदार सतबीर सिंह सोनू सरदार इंदर सिंह इंदर सेंट्रल नौजवान सभा के पूर्व प्रधान सरदार सतेंद्र सिंह रोमी, महिवाल ट्रैवल्स के निदेशक दलजीत सिंह, अभिनेता गुरशरण सिंह द्वारा उन्हें शॉल एवं गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया गया।

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