रिपोर्टर जितेन सार बुंडू
लोकेशन बुंडू
बुंडू प्रखंड के एदेलहातु पंचायत के सुदूर गांव, चिरुडीह ऊपरटोला के ग्रामीण आज भी एक पहाड़ी नाले के पानी को पीने को मजबूर हैं। लंबे समय से यहां के लोगों के लिए पेयजल प्राप्त करना अत्यंत कठिन कार्य रहा है। इसी समस्या को देखते हुए पंचायत द्वारा यहां लगभग दो वर्ष पूर्व सौर ऊर्जा से संचालित जल मिनार बनाया गया था। वह भी लगभग एक वर्ष से खराब पड़ा है। ग्रामीण एक बार फिर पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। गांव के धनंजय सिंह मुंडा बताते हैं कि पहाड़ से नाले के रुप में गिरते बरसात के इस पानी का भी सहारा उन्हें फरवरी के अंत तक ही मिल पाता है। मार्च के बाद इस नाले के सूख जाने के कारण वे तलाब के गंदा पानी पीने को विवश हो जाते हैं, अथवा दूसरे गांव जाकर पानी लाना पड़ता है। कभी काम के सिलसिले में बुंडू बाजार आदि जाने और देर से लौटने पर रात के अंधरे में भी उन्हें पानी लाने दूर जाना पड़ता है। हाथी और अन्य जंगली जानवरों का भी भय बना रहता है। एक अन्य ग्रामीण दिनेश मुंडा ने बताया कि सौर ऊर्जा संचालित जलमिनार के खराब होने की सूचना ग्रामीणों ने लगभग एक वर्ष पूर्व एदेलहातु मुखिया विजय कुमार सिंह मुंडा को भी दी थी, लेकिन अबतक जलमिनार का मरम्मत किया नहीं जा सका है। चिरुडीह निवासी सनातन मुंडा ने बताया कि ग्रामीणों ने स्वयं चंदाकर जलमिनार को बनवाने का प्रयास किया था लेकिन जलमिनार के मरम्मत में जितना खर्च बताया गया है उतनी राशि इकठ्ठा करने में ग्रामीण असमर्थ हैं।
विजय कुमार सिंह मुंडा, मुखिया, एदेलहातु—–
ग्रामीणों द्वारा जल मिनार के खराब होने की मौखिक सूचना मिली थी। संवेदक से कहकर मिस्त्री भेजे थे, लेकिन ग्रामीण अड़े थे कि जलमिनार को दूसरे जगह स्थानान्तरित कर दूसरे चापाकल से जोड़ दिया जाए। इसके लिए खर्च अत्यधिक होने के कारण मजदूरी खर्च का वहन ग्रामीणों को करने को कहा गया था, लेकिन ग्रामीणों ने न तो खर्च का वहन किया और न ही काम करने दिया।