स्टेशनों से बांग्ला भाषा को हटाए जाने का बंगवासी कर रहे हैं विरोध

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झारखण्ड राज्य में लगभग 42 फीसदी बांग्ला भाषी बसते और चाकुलिया ब्लॉक मे 90 फिसफी बंगला भाषी लोग रहने के बाबजूद स्टेशन के नाम पट्ट से बंग्ला भाषा में स्टेशन के नाम के उल्लेख को हटाए जाने से बंगला भाषियों में नाराजगी व्याप्त है. इसको लेकर शनिवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में बंगबंधु संस्था द्वारा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई. इसके माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री जमशेदपुर के सांसद बिद्युत वरण माहतो एवं रेलवे के अधिकारियों से हस्तक्षेप करने के लिए ज्ञापन सौंपने की रणनीति बनाई गई. गौरतलब हो कि हाल ही में स्टेशन का सौंदर्यीकरण के नाम पर रंगाई पुताई आदि का कार्य चाकूलिया स्टेशन पर किया गया. मगर स्टेशन परिसर के नाम पट्टी से बंग्ला भाषा के उल्लेख को हटा दिया गया. और टाटा से सिनी तक सभी रेल स्टेशनों के नाम पट्ट में खुदाई करके बेंग्ला मे स्टेशन का नाम लिखे होने के बाबजूद उसे मिटा कर अन्य भाषा मे लिख दिया गया है. जिसे लेकर पूरे राज्य में बंग्ला भाषी लोग सरकार एवं रेलवे के प्रति नाराज है. आगे पत्रकारों से बातें साझा करते हुए कहा गया कि बंग्ला भाषी लोगों में इस विपरित कार्रवाई से उत्पन्न असंतोष को खत्म करने के लिए त्वरित पहल करते हुए पूर्ववत स्थिति बहाल किया जाना चाहिए.

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