जोहाइर: लुआबासा, जमशेदपुर में आदिबासि कुड़मि समाज की एक बैठक रंजीत महतो की अध्यक्षता में सम्पन्न

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जोहाइर: लुआबासा, जमशेदपुर में आदिबासि कुड़मि समाज की एक बैठक रंजीत महतो की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इसका संचालन नेपाल महतो ने किया। बैठक में मुख्य रूप से सामाजिक और सांगठनिक विषयों पर परिचर्चा हुई। समयांतराल में बांदुआन से आये झुमइर शिल्पी सुनील महतो और हराधन महतो ने झुमइर गितों के माध्यम से सबको अपनी संस्कृति के ओर आकर्षित किये।

मुख्य अतिथि केंद्रीय अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर झाड़खंड आंदोलन तक और उसके बाद भी कुड़मि समाज का योगदान अतुलनीय है। हमें अपने उन महान क्रांतिकारी महापुरुषों के संघर्षों से सीख लेने की आवश्यकता है। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध प्रथम संगठित जनविद्रोह चुआड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो, हुल विद्रोह के नायक चानकु महतो आदि की वीरगाथाओं का वर्णन किया। उन्होंने आगे कहा कि हम कुड़मि जनजाति को अपनी जनजातीय मातृभाषा कुड़मालि, आदि विशिष्ट संस्कृति बारह महीने के तेरह परब, प्रथागत नियम और कुड़मालि नेगाचारि को संरक्षित और संवर्धित करने की जिम्मेदारी हम सभी को समान रुप से निभानी होगी। उन्होंने विशेष तौर पर आनेवाले जनगणना में सभी से सजग होकर जनजाति कुड़मि, मातृभाषा कुड़मालि और धरम सारना दर्ज कराने की अपील किये।

बैठक को सरायकेला-खरसावां जिलाध्यक्ष मनोज महतो और पूर्वी सिंहभूम जिला सदस्य प्रकाश महतो ने भी संबोधित किया। बैठक में मुख्य रूप से गणेश महतो, प्रकाश महतो, नलिन महतो, मनोरंजन महतो, रांगा महतो, त्रिलोचन महतो, निरानंद महतो, संटु महतो, कीर्तिवास महतो, गुरुप्रसाद महतो, विभीषण महतो, सुनीता महतो, आशा महतो, जानकी महतो आदि काफी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।

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