देशवासियों को नसीब नहीं हुआ बजट का हलवाजमशेदपुर। पूर्व सांसद सह कांग्रेस के वरीय नेता डॉ. अजय कुमार ने केंद्रीय बजट पर एनडीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मित्र उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ माफ कर देने वाली सरकार ने ‘मिनिमम बैलेंस’ तक मेंटेन न कर पा रहे गरीब भारतवासियों से 8500 करोड़ रुपए वसूल लिए हैं।‘जुर्माना तंत्र’ मोदी के चक्रव्यूह का वो द्वार है जिसके ज़रिए आम भारतीय की कमर तोड़ने की कोशिश हो रही है।डॉ. अजय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा ‘कमल’ के चक्रव्यूह ने रोजगार देने वाले विंदुओं पर हमला किया है। बजट में टैक्स के हमले को रोकने लिए और छोटे रोजगार को बढाने, युवाओं को रोजगार देने के लिए कुछ नहीं किया गया है। अग्निवीरों को चक्रव्यूह में फंसाया है। उनके लिए पेंशन जैसी कोई योजना नहीं है। अन्नदाता को भी चक्रव्यू में फंसाया गया है। किसानों ने एमएसपी मांगा लेकिन वह भी नहीं दिया गया है। युवाओं का पेपर लीक के चक्रव्यू में फंसाया गया है। मध्यम वर्ग पर सरकार ने दोहरे हमले किए गए हैं। मध्यम वर्ग की पीठ पर और छाती पर छुरा घोंपा गया है। उन्होंने कहा कि दस साल में पेपरलीक 70 बार हुआ है। पेपर लीक युवाओं के लिए सबसे अहम मुद्दा है और वित्त मंत्री ने अपने भाषण में पेपर लीक पर एक शब्द नहीं कहा है।वित्त मंत्री ने बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की बात की। यह एक मजाक है, क्योंकि इंटर्नशिप प्रोग्राम देश की 500 बड़ी कंपनियों में होगा। 99% युवाओं का इस प्रोग्राम से कोई लेना-देना नहीं है यानि मोदी सरकार ने पहले टांग तोड़ दी, फिर मरहम पट्टी कर रही है। युवाओं के लिए पेपरलीक आज सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन बजट में इसकी बात नहीं की गई। इसके उलट सरकार ने शिक्षा का बजट घटा दिया।डॉ अजय ने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा हैं कि बजट का हलवा बंट रहा है लेकिन देश को हलवा मिल ही नहीं रहा !