जमशेदपुर
हेमंत सोरेन के ड्रीम प्रोजेक्ट अबुआ आवास योजना के लाभुकों को सौंपा स्वीकृति पत्र
कहा हेमंत बाबू ने जनता से जो वायदा किया उसे हमारी सरकार करेगी पूरा
शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जमशेदपुर पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ड्रीम प्रोजेक्ट अबुआ आवास योजना के लाभुकों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया. उनके साथ मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता सहित कोल्हान के सभी विधायक मौजूद रहे. आपको बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोल्हान की धरती से ही अब वह आवास योजना की परिकल्पना की थी, हालांकि राज्य के बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच फिलहाल वे ईडी की हिरासत में है, मगर राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार कायम है, जिसके मुखिया चौपाई सोरेन है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यों को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है. विदित हो कि कोल्हान प्रमंडल से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना की घोषणा की थी. यही वजह है कि शुक्रवार को कोल्हान की धरती से ही योजना के लाभुकों के बीच स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया. साथ ही लाभुकों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए. इससे पूर्व मुख्यमंत्री की एक झलक पाने को लेकर जमशेदपुर की जनता सड़कों पर आतुर नजर आई. जहां पारंपरिक तरीके से मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्य के लोगों को भरोसा दिलाया कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनता से जो भी वादे किए थे उनकी सरकार उसे हर हाल में पूरा करेगी. उन्होंने बताया कि साजिश के तहत पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फंसाया गया है, मगर जनता इसका हिसाब लेगी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हेमंत बाबू ने जिस तरह से राज्य की जनता को बचाया इसे विपक्षी पचा नहीं सके और शुरू से ही हमारी सरकार को अस्थिर करने का काम किया. लचर स्वास्थ्य व्यवस्था हमें विरासत में मिली थी, मगर हेमंत बाबू के हौसले ने राज्य की जनता को बचाने का काम किया. कोल्हान की धरती खनिज संपदा से परिपूर्ण है मगर यहां के आदिवासी- मूलवासी आज भी फटेहाल हैं. टाटा सहित पूरा कोल्हान औद्योगिक नगर है मगर यहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं मुख्यमंत्री ने मंच से राज्य के लोगों के लिए 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की. उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि हेमंत सोरेन कमजोर हड्डी का मनुष्य नहीं है. वे दिशोम गुरु के बेटे हैं जिन्होंने आदिवासी- मूलवासियों के लिए लड़ाई लड़ी. हेमंत सोरेन ने राज्य के लोगों के शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सिंचाई का सपना देखा था जो पाइपलाइन में था, मगर विपक्ष को घबराहट होने लगी और उन्हें साजिश के तहत आज सलाखों के पीछे भेज दिया. मंच से मुख्यमंत्री ने झारखंड के सभी पदाधिकारियों से अपील करते हुए भरोसा जताया कि प्राथमिकता के आधार पर समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाएं जिससे राज्य की जनता को इसका लाभ मिले और झारखंड खुशहाली के पथ पर अग्रसर रहे.