इस दौरान इन्होने कहा की टाटा मोटर्स प्रबंधन अपने कर्मचारियों के लिए करोड़ों की बीमा करवाती है जबकि कानवाई चलाकों कों इससे अछूता रखा जाता है, जो अपनी जान कों जोखिम मे डालकर देश भर के विभिन्न इलाकों मे कानवाई कों पहूंचाते है, इन्होने कहा की विगत दिनों एक कानवाई चालक की मौत सड़क दुर्घटना मे हुई थी और उनके परिवार कों केवल ढाई लाख मुआब्जा दिया गया, जबकि कंपनी के किसी कर्मचारी की अगर कानवाई से मौत होती है तो उनके आश्रितों कों लगभग एक करोड़ रूपए एवं एक नौकरी दी जाती है, मांग पत्र के माध्यम से इन्होने अविलम्ब तमाम कानवाई चलाकों कों बीमा का लाभ दिये जाने की मांग की.