झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने संयुक्त रुप से बुंडू में नवनिर्मित एफएसटीपी प्लांट का ऑनलाइन उद्घाटन किया। उक्त प्लांट में सेप्टिक टैंकों से प्राप्त मलों को प्राकृतिक ढंग से उर्वरक में परिवर्तित किया जाएगा। मल के परिशोधन के दैरान निकलने वाले पानी को भी प्रयोग खेतों की सिंचाई में की जा सकेगी। इस पानी के सिंचाई से उपज में और भी वृद्धि होगी। प्लांट का निर्माण बुंडू नगरपंचायत ने रांची-टाटा रोड के किनारे गोसांइडीह के निकट सिमेक हाईटेक प्रोडक्शन, बेंगलुरु द्वारा कराई गई है। सिमेक हाईटेक प्रोडक्शन के एमडी अरविंद राजन ने बताया यह झारखंड का प्रथम एफएसटीपी प्लांट है। इस प्लांट में वगैर किसी रासायन के प्रयोग के प्राकृतिक ढंग से मानव मल का परिशोधन कर उच्च गुणवत्ता वाला उर्वरक बनाया जाएगा। इस प्लांट की एक विशेषता यह भी है कि यहां बिजली की खपत न्यूनत्तम होगी। प्लांट में ऊर्जा की खपत की जगह गुरुत्वाकर्षण बल का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया 48 डिसमील क्षेत्र में फैले इस प्लांट की क्षमता छः किलोलीटर प्रतिदन की है। प्लांट की टेक्निकल हेड रचिता सिन्हा ने बताया कि पहला मानवमल का टैक प्राप्त होने के साथ ही उर्रवरक का उत्पादन आरंभ हो जाएगा। सिमेक हाईटेक प्रोडक्शन कंपनी के विवेक सिंह ने बताया कि प्लांट का निर्माण दो करोड़ 43 लाख रुपये की लागत से की गई है। प्लांट द्वारा बुंडूवासियों को स्वास्थ्य और उर्रवरक दोनों एक साथ मिला करेगा। मौके पर कंपनी के शशि, जितेन, यूनिसेफ प्रतिनिधि के रुप में रंजित कुमार आदि उपस्थित थे,
