झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के संरक्षक जयराम महतो बुधवार को जमशेदपुर के निर्मल भवन मे मीडिया से मुख़ातिब हुए, जहाँ उन्होंने स्थानीय नीति को लेकर चलाये जा रहे आंदोलन पर उन्होने बातचीत की.
वर्तमान समय में झारखंड टाइगर के नाम से प्रसिद्ध पूरे राज्य भर में 1932 के खतियान को स्थानीय नीति में शामिल कर उसे राज्य भर में लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन में जुटे हुए हैं इसी कड़ी में बुधवार को वे जमशेदपुर पहुंचे जहां निर्मल भवन में वे पत्रकारों से मुखातिब हुए उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रत्येक राज्य का अपना अपना स्थानीय नीति है जो वहां के मूल वासियों को उनका अधिकार और हक दिलाता है झारखंड राज्य की स्थानीय नीति को 1932 के खतियान के आधार पर तय करना चाहिए क्योंकि यही वह आधार है जो वास्तविक झारखंडियों को परिभाषित कर सकता है और इसी का आंदोलन हुए चला रहे हैं।