सरायकेला: हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने के आगमन से ही नए वर्ष की गिनती शुरू की जाती है वही सरायकेला जिले में चैत्र महीने का अलग ही महत्व है। सरायकेला जिले में चैत्र के महीने में झारखंड सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से राजकीय चैत्र पर्व के रूप में मनाया जाता है। पूरे कार्यक्रम में झारखंड सरकार के द्वारा छाऊ नृत्य की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं जिसमें जिले एवं आसपास के राज्यों के छाऊ कलाकार अपनी प्रतिभा दिखा कर प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। इस पूरे मामले में जो सबसे विशेष बात हम आपको बताने जा रहे हैं वह यह है कि देश के साथ-साथ इटली, फ्रांस, जापान जैसे विदेशों में जिले के इस धरोहर का नाम रोशन करने वाले जो कलाकार ने अपनी पीड़ा कैमरे के सामने रखी है। सरायकेला जिले की इचागढ़ विधानसभा अंतर्गत नीमडीह प्रखंड के तपन कुमार, संजय कुमार एवं गुनाधार कुमार का एक मामला प्रकाश में आया है इनके पूर्वजों का इतिहास सरायकेला के इसी धरोहर से जुड़ा हुआ है लेकिन आज इनकी स्थिति बदहाल होने जा रही है कैमरे के सामने जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इनके 10 पीढ़ी से भी अधिक नीमडीह प्रखंड के जामडीह मुख्य मार्ग पर निवास करते हैं जिसे अब सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग में सम्मिलित करना चाह रही है जिसके कारण इनसे पूरे के पूरे घर को अपने अधीन लेकर इन्हें किसी दूसरी जगह पर फिर से बसाने का प्रयास किया जाएगा आपको जानकारी दें कि इचागढ़ विधानसभा पूर्व से भी विस्थापितों का आंदोलन खेलता आया है। पूरे सरकारी आदेश का विरोध करते हुए आपत्ति जताते हुए तपन कुमार ने बताया कि हमारी जमीन हमारे पुरखों की है सरकार हमारे मुख्य मार्ग की पूरे जमीन को हतयाकर हमें नदी के डूब क्षेत्र में बसाने का काम कर रही है जहां से आने वाले बरसात के दिनों में फिर से बाढ़ जैसे संकट उत्पन्न हो जाएंगे और हम उन्हें विस्थापित हो जाएंगे। अपनी पीड़ा को कैमरे के सामने दर्शाते हुए उनकी माताजी भी गमगीन हो गई और झारखंड सरकार के आला अधिकारियों के व्यवहार से दुखी होकर फूट-फूट कर रोने लगी इस पूरे मामले को लेकर आप भी सुनिए उनकी यह दास्तान। ये कारनामा है निमडीह प्रखंड के अंचल अधिकारी का, एक तो उनकी जमींन अधिग्रहण कर रहे और उनके लिए आपत्तिजनक शब्दों का भी प्रयोग कर रहे है।
रिपोर्टर;कांड्रा से दयाल लायक मोबाइल-7903311340