झारखंड भाषा संघर्ष समिति के आंदोलनकारी टाइगर जय राम महतो खरसावां पहुंचे। जहां समाज के लोगों ने भव्य रुप से स्वागत किया। इसके बाद जय राम महतो ने खरसावां के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि कहा कि अलग झारखंड राज्य के निर्माण का कोई उद्देश्य या मकसद होता है। ताकि पिछड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अलग राज्य का गठन किया जाता है। लेकिन अलग झारखंड राज्य के 21 सालों के बाद भी झारखंड की स्थिति ज्यों की त्यों है। राज्य में कुपोषण, बेरोजगारी, भूखमरी की बात करें तो झारखंड लगातार नीचे जा रहा है। झारखंड 40 प्रतिशत खनिज संपदा देता है। इसके बावजूद इतने पीछे क्यों जा रहा है? पिछले 21 सालों में झारखंड को सिर्फ विस्थापन मिला है। इसके अलावा कुछ नहीं मिला। लगातार झारखंड की पहचान मिटाने की साजिश हो रही है। इस दौरान मुख्य रूप से बबलू महतो, दशरथ महतो, सुशील महतो, प्रकाश महतो, जयप्रकाश महतो, तिलक महतो, रमेश महतो, मनबोध महतो, समीर महतो, सुभाष महतो, महेश्वर महतो, पंकज महतो, रामहरि महतो, चिंतामणि महतो, रोहित महतो, सूरज महतो, राजकुमार महतो, संजय महतो, तिलक महतो, शिवानंद महतो, अजय कुमार महतो आदि उपस्थित थे।