कुड़मी को आदीवासी में शामिल नहीं करने पर पंचपरगना में आक्रोश अर्जुन मुंडा का फुंका पुतला

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रिपोर्टर-जितेन सार
क्षेत्र-तमाड़ बुंडू

मंगलवार को तमाड़ के सभी कुड़मी बहुल गांवों में लोक सभा में कुड़मी जाति को शामिल नहीं किये जाने से आक्रोशित लोगों ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का जोरदार विरोध करते हुए पुतला फूंका। गुस्सा इतना प्रबल था कि अर्जुन मुंडा के बने पुतले को पहले लाठी-डंडों से मारा और आग के हवाले कर दिया। इनमे काफी संख्या में महिला भी शामिल थीं।इस बीच अर्जुन मुंडा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। यह भी घोषणा की गई कि इस वादा खिलाफी को लेकर सांसद अर्जुन मुंडा को संसदीय क्षेत्र के कुड़मी बहुल गावों में घुसने नही देंगे। इस दौरान एनएच-33 के समीप वर्ती गांव जोजोडीह, भुइयांडीह सहित बादला, जिलिंगसेरेंग, नावाडीह आदि दर्जनों गांवों में पुतला दोहन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जोजोडीह में आंदोलनरत कुड़मी समुदाय के दानी सिंह महतो ने पुतला दोहन के पश्चात आक्रोशित अंदाज में कहा कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के टोटेमिक कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सन 1913 से 1931 की अधिसूचना में शामिल था। मगर 1950 में राजनीति से प्रेरित कारणों से टोटेमिक कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटा दिया गया। इसको देखते हुए पुनः टोटेमिक कुड़मी जाति को सूचीबद्ध करने के पर्याप्त सबूत रहते हुए भी अर्जुन मुंडा द्वारा सदन के पटल पर नही रखना पूर्वाग्रह से ग्रसित होने के लक्षण साफ झलकता है।

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