चाईबासा के पिल्लई सभागार में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम अंतर्गत जिलास्तर पर संपूर्णता अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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चाईबासा: पिल्लई सभागार में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम अंतर्गत जिलास्तर पर संपूर्णता अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सहायक समाहर्ता अर्णव मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ.साहिर पॉल, जिला योजना पदाधिकारी फ्रांसिस कुजूर, आकांक्षी प्रखंड- टोंटो और गुदड़ी के प्रखंड विकास पदाधिकारी, जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, शिक्षा विभाग और जेएसएलपीएस के माध्यम से लगाये गए स्टॉल का निरीक्षण किया। आम जनों को दी जाने वाली जानकारियों के बारे में जानकारी ली। बता दें कि नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिला व आकांक्षी प्रखंड दोनों कार्यक्रम संचालित है। इसी के तहत देशभर में 4 जुलाई से 30 सितंबर 2024 तक संपूर्णता अभियान का संचालन किया जा रहा है। समारोह को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि आकांक्षी जिला और प्रखंड कार्यक्रम शासन में सुधार पर केंद्रित है। जो नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और देश में कम विकसित व दूरस्थ क्षेत्रों में अनुश्रवण के माध्यम से सेवा वितरण में सुधार लाने को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि संपूर्णता अभियान का उद्देश्य मौजूदा योजनाओं, परिणामों को परिभाषित करने तथा असमानता को पाटने के लिए लगातार निगरानी तथा अंतराल प्रगति में तेजी लाना है, साथ ही एक समय में कुछ चुनिंदा संकेतकों पर ध्यान केंद्रित कर त्वरित प्रभाव से उन्हें संतृप्त करना है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग के द्वारा 3 महीने की संकल्पना आधारित संपूर्णता अभियान अंतर्गत आकांक्षी जिला व प्रखंड में 6 पहचाने गए संकेतकों में संतृप्ति प्राप्त करने के लिए तथा इस प्रयास को सफल बनाने और जमीन पर ठोस प्रभाव डालने के लिए कार्य योजना विकसित किया गया है । प्रत्येक माह इसकी प्रगति पर नजर रखी जाएगी। संदीप कुमार मीणा, उपविकास आयुक्त कार्यक्रम शुभारंभ के अवसर पर उप विकास आयुक्त के नेतृत्व में संपूर्णता अभियान के सभी इंडिकेटर को संतृप्त करने के लिए कार्य करने और इसमें अपना उल्लेखनीय योगदान देने और अपने प्रखंड व जिला को स्वस्थ, समर्थ और समृद्ध बनाने का शपथ लिया गया। क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को समय पर प्रसव पूर्व देखभाल मिले। सभी बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हो। गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण प्राप्त हो। हर व्यक्ति की मधुमेह और उच्च रक्तचाप की नियमित जांच हो। सोइल हेल्थ कार्ड का वितरण हो। स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड मिले और स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करने के लक्ष्य पर बल दिया गया।

डॉ साहिर पाल, सिविल सर्जन, पश्चिमी सिंहभूम

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