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आलम ये है की नदी में पानी के बजाये केवल जल कुम्भी नजर आ रही है, ये कई किलोमीटर तक फ़ैल चुकी है, एक्सपर्टस की माने तो पानी में जलकुम्भीयां भर जाने के कारण नदी का ऑक्सीजन लेवल भी घट जाता है, ऐसे में इसका प्रभाव नदी में रहने वाले जल जिवों पर भी पड़ता है, और ऑक्सीजन के अभाव में इनकी मृत्यु भी हो जाती है, वहीँ इन्ही जल कुम्भीयों के कारण पानी भी दूषित होता है, इस दूषित पानी में नहाने से कई तरह के चर्म रोग भी होते हैं, साथ ही इसके कारण नदी में पानी का बाहव भी काफ़ी कम हो जाता है, ऐसे में जरुरत है इसके नियमित सफाई की ताकि ये प्राण दायनी नदियों का अस्तित्व खतरे से बाहर हो सके.