पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर स्थित साकची हाई स्कूल से 1971 बैच के पास आउट छात्र-छात्राओं के 50 वें साल पूरे होने पर एक बार फिर एक साथ मिले। रविवार को दूरदराज के शहर पहुंचे पूर्व छात्र छात्राओं ने स्कूल के मुख्य द्वार आ जाओ से सीधे क्लास रूम पहुंचे। जहां उन्होंने 50 वर्ष पूर्व में स्कूल से ली शिक्षा पर विस्तार से चर्चा की। साकची हाई स्कूल से पासआउट छात्र छात्राओं ने 50 वर्ष तक किए गए कार्यों का सराहना करते हुए स्कूल के पूर्व शिक्षकों को याद किया। जिनके बदौलत आज उन्होंने मुकाम तक पहुंचा है। स्कूल से शिक्षा लेकर डॉक्टर, इंजीनियर, मिलिट्री रिटायर्ड,अधिवक्ता, टिस्को, टेल्को रिटायर्ड, शिक्षक बनकर अपना जीवन का भरण पोषण किए हैं। वहीं छात्र छात्राओं के बीच कुछ लोग नहीं रहे उनको याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी पुरानी बातों को याद किया वही स्कूल वही कुसुम पेड़, वही क्लासरूम वही पुराना जज्बा और धमा- चौकड़ी और मस्ती उम्र के इस दहलीज पर आकर छात्र- छात्राओं का मिलन अद्भुत रहा।एकदूसरे के साथ गर्मजोशी से मिलना और साथ बिताए स्कूली जीवन को साझा कर छात्र- छात्राएं थोड़े भावुक भी हुए। कोलकाता से गेट टुगेदर में शामिल हुए चयनिका चक्रवर्ती पूर्व यादगार को ताजा करने के लिए स्कूल से संबंधित कविता सुना कर सभी का मन जीत लिया। जमशेदपुर के आलाये कोलकाता,बेंगलुरु, मुंबई, गुजरात से सभी 50 वर्ष पुराने कुसुम पेड़ नीचे जुटे। टेल्को कंपनी के पूर्व प्रभारी रहे प्रणब कुमार डे ने बताया साकची हाई स्कूल के उन सभी शिक्षकों को धन्यवाद देंगे जिन्होंने हम सभी के जिंदगी को एक दिशा दिखाया। उन्होंने बताया 50 वर्ष पूर्व पास आउट हुए सभी छात्र छात्राएं कुसुम पेड़ के नीचे एकत्रित होकर पुरानी यादगार को ताजा किये। रिटायर्ड कर्नल तपन कुमार माझी ने बताया हम सभी छात्र छात्राएं स्कूल से पास आउट हुए 50 वर्ष हो गया मेरा एक सपना था सभी एक साथ कुसुम पेड़ के नीचे गोल्डन जुबली मनाएंगे। उसी उद्देश्य के साथ सभी को एकत्रित होकर गेट टुगेदर मनाया गया। कोलकाता से शहर पहुंची शिक्षिका चयनिका चक्रवर्ती ने बताया गेट टूगेदर की सूचना मिलते ही काफी उत्साहित रहे। आज स्कूल के क्लासरूम और कुसुम का पेड़ को देख काफी आनंद लगा। सभी पुराने साथी के साथ मिल कर पुराने यादगार को ताजा किया।