जमशेदपुर
सवेरे से ही अपनी कुल देवता की पूजा आरंभ हो गई थी जिसे लेकर पुराना सीतारामडेरा में सरहुल केंद्रीय कमेटी के द्वारा आयोजित पूजन कार्यक्रम में समाज के काफी संख्या में महिला पुरुष एवं बच्चे शामिल हुए इसके बाद भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें हजारों की संख्या में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से समाज के लोग शामिल हुए जिसमें ढोल नगाड़ा के अलावा डीजे के धुन पर अपने पारंपरिक नृत्य करते हुए निकले यह शोभायात्रा सीतारामडेरा से आरंभ होकर एग्रिको,भालूबासा,साकची, गोलमुरी होते हुए पुनः सीतारामडेरा में संपन्न हुई। शोभायात्रा की भव्यता ऐसी थी कि एक छोर भालूबासा में दूसरा छोड़ एग्रीको में था जिसमें हर कोई उत्साह के साथ नृत्य करते नजर आए वही प्रशासन की ओर से निधि व्यवस्था को लेकर सभी चौक चौराहों में पुलिस कर्मी तैनात थे ताकि पूरे उमंग और उत्साह के साथ शांतिपुर ढंग से यात्रा संपन्न