संभवत ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए विपक्ष के विधायकों ने ऐसे प्रदर्शन किया होभारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने युवाओं के रोजगार अनुबंध एवं संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, पारा शिक्षक सहायक पुलिस कर्मियों सहित झारखंड के तमाम ज्वलंत मुद्दे और उन वर्ग जिन लोगों ने आशा और विश्वास के साथ इन्हें बहुमत देकर सत्ता में बैठाया था उनके सवालों का जवाब मांगने को लेकर विपक्ष के विधायकों ने सदन स्थगन के बावजूद लगभग 8 से 10 घंटे तक वे लोग सदन के अंदर ही बैठे रहे ….. देर रात 10:00 के करीब मार्शल आउट किए जाने के बाद विधायक लॉबी में धरने पर बैठ गए इसके बाद वे लोग *विधानसभा परिसर के अंदर ही चद्दर डालकर सो गए, कल ही रात विधायकों की विधानसभा परिसर के अंदर यू जमीन पर गुजरी है.बता दे कि कल यानी बुधवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही का चौथा दिन था, पहले हाथ की कार्रवाई बेहद शांतिपूर्ण तरीके से चली दूसरे पाली की शुरुआत जब दोपहर 2:00 बजे हुई इसके बाद एक विधेयक वापस लेने और एक ध्यान आकर्षण के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी ने युवाओं के रोजगार और निविदा कर्मियों के स्थाईकरण पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जवाब की मांग की कुछ ही देर बाद विपक्ष के विधायक वेल में आगे और जब तक मुख्यमंत्री का जवाब नहीं आ जाता तब तक सदन छोड़कर नहीं जाने का ऐलान कर दिया ।थोड़ी ही देर बाद विपक्षी विधायक बैनर लेकर मुख्यमंत्री के जवाब की मांग करने लगे इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने इस पर हस्तक्षेप किया और विधायकों से बैनर छीनने का मार्शलों को आदेश दिया ,विपक्षी विधायकों के विरोध में सत्ता पक्ष के विधायक भी विल में आगे सदन में जब हंगामा बढ़ने लगा तो विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई गुरुवार यानी 1 अगस्त की सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थापित कर दिया इसके बाद सभी विधायक बाहर निकलने लगे लेकिन विपक्ष के विधायक जिसमें भारतीय जनता पार्टी और आजू के विधायक शामिल है वे लोग वेल में ही बैठ गए , लगभग 8 घंटे तक यानी 10:00 बजे रात तक वे लोग वेल के अंदर ही डटे रहे बाद में देर रात मार्शलों के द्वारा सभी को जबरन बाहर निकाल दिया गया इसके बाद सभी विधायक लॉबी में आकर बैठे गए ।अंततः भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विधानसभा परिसर के पोटिको अंदर ही जमीन चादर डालकर अपनी रात सोकर गुजारी है ,बता दे कि आज यानी विधानसभा की कार्यवाही का पांचवा दिन बेहद ही हंगामादार होगा मुख्यमंत्री के जवाब की मांग एक तरफ विपक्ष के द्वारा किया जा रहा है दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के द्वारा यह कहा जा रहा है कि नेता सदन सत्र के अंतिम दिन अपना वक्तव्य रखते हैं आवाज का दिन फिर एक बार हंगामे की भेंट चढ़ता है या झारखंड के ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री का सदन में जवाब आता है यह सदन शुरू होते ही पता चल जाएगा