तमाड़ विधायक के पैतृक गांव में ,ग्रामीण और जानवर दोनों एक ही डोभा का पानी पीते हैं



रिपोर्टर जितेन सार बुंडू
लोकेशन बुंडू
बुंडू प्रखंड मुख्यालय से लगभग छः किलोमीटर दुर स्थित है, चिरुडीह गांव। एदलाहतु पंचायत का चिरुडीह गांव वर्तमान विधायक विकास कुमार मुंडा का पैतृक गांव भी है। चिरुडीह के ऊपरटोला में पेयजल हमेशा से बड़ी समस्या रही है। चिरुडीह ऊपरटोला के ग्रामीण आज भी एक डोभा का पानी पीते हैं। इसी डोभे से जानवर भी पानी पीते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि लगभग दो वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा एक सोलर जलमीनार बनाया गया था। कुछ माहों के बाद ही वह भी खराब है। आरोप है कि मुखिया को अनेकों बार सूचित करने के बाद भी जलमिनार की मरम्त न हो पाई। यहां दो चापाकल हैं। दोनों खराब हैं। ग्रामीण किसी तरह से रस्सी बांधकर चापाकल चलाते तो हैं लेकिन इसका पानी पीने योग्य नहीं है। मजबुरी में ग्रामीणों को लगभग आधे किलोमीटर दुर स्थित एक डोभे का पानी पीना पड़ रहा है।
स्व रमेश सिंह मुंडा द्वारा शुरु की गई योजना अधुरी पड़ी है—
वर्तमान विधायक के पिता और झारखंड के पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा पेयजल की समस्या को देखते हुए चिरुडीह स्थित पहाड़ी के पानी को पाईप द्वारा गांव तक लाने की योजना बनाई थी। इस योजना पर कार्य आरंभ भी हो गया था लेकिन उनकी असमायिक मौत के बाद योजना अधुरी रह गई। ग्रामीणों के अनुसार वर्तमान विधायक विकास कुमार मुंडा ने पिता के अधुरे काम को पुरा करने का वादा किया था, लेकिन योजना पुनः शुरु नहीं हुई।
जन प्रतिनिधियों से मात्र अश्वासन मिले—
ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने अनेकों बार वार्ड पार्षद, मुखिया सहित कई जन प्रतिनिधियों से मिलकर पेयजल की स्थाई व्यवस्था किए जाने की मांग की है। अनेकों बार ग्रामीणों द्वारा कागज जमा किए गए।लेकिन परिणाम सिफर ही रहा। जल सहिया कई बार गांव आई और बताया कि एक अलग टंकी बनाकर पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। किन्तु समस्या का कोई निदान नहीं निकला।
चिरुडीह, नहीं पहुंचा है जल जीवन मिशन योजना —- और नाही पीएचडी विभाग से कोई आते है
चिलचिलाती धूप में चिरुडीह गांववाले के सामने पानी की बहुत बड़ी समस्या बनगया है.

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