विधायक सविता का पुतला दहन करने से ग्रामीणों को पुलिस ने रोका, अनूप महतो रूपाई मांझी समेत महिलाओं को किया गिरफ्तार

Spread the love



अंचल कार्यालय में जमीन का फर्जीवाड़ा, विधायक सविता के इशारे पर पुलिस – प्रशासन कर रही कार्रवाई

चाण्डिल।जमीन का धंधा बड़ा गंदा। इन दिनों जमीन के कारोबार और अवैध खरीद बिक्री में जनप्रतिनिधि, सफेदपोश से लेकर अधिकारियों के हाथ रंगे हैं। चांडिल अंचल कार्यालय में जमीन कागजात में की गई फर्जीवाड़ा और जालसाजी के कारण ग्रामीण आक्रोशित हैं। विवाद इस हद तक खड़ा हो गया है कि अब पुलिस द्वारा ग्रामीणों को विरोध करने पर रोक लगाए जाने लगे हैं। चांडिल के डोबो ग्राम सभा समेत विभिन्न संगठनों ने शनिवार शाम को विधायक सविता महतो का पुतला दहन कर विरोध करने का ऐलान किया था। तय समय पर ग्रामीणों ने विधायक का पुतला लेकर डोबो गांव में जुलूस निकाला गया और अंत में डोबो चौक पर पुतला दहन करने की योजना थी। लेकिन कपाली पुलिस ने पुतला दहन करने से रोक दिया। यहां डोबो चौक पर कपाली थाना प्रभारी दल – बल के साथ पहुंचे और ग्रामीणों को घसीटते हुए जीप में लाद कर चांडिल थाना ले गई। जुलूस में महिलाएं और छोटे छोटे बच्चे भी शामिल थे। पुलिस ने मीडिया के सामने ही महिलाओं और बच्चों के साथ धक्का मुक्की और दुर्व्यवहार किया। पुलिस ने गिरफ्तार कर सामाजिक कार्यकर्ता अनूप महतो, रूपाई मांझी समेत कई महिलाओं और बच्चों को गिरफ्तार कर चांडिल थाना ले गई।

यह है पूरा मामला : ग्रामीणों ने एक गढ़े मुर्दे को उखाड़ कर विधायक सविता महतो और चांडिल अंचल कार्यालय के अधिकारियों को बेनकाब क्या कर दिया, विधायक और पूरा प्रशासनिक महकमा ग्रामीणों के पीछे हाथ धोकर पड़ गया। मामला यह है कि चांडिल अंचल के डोबो हनुमान कॉलोनी में झामुमो विधायक सविता महतो की जमीन है, जिसे विधायक सविता महतो ने वर्ष 2009 में खरीदी थी। कुछ दिनों पहले विधायक ने अंचल कार्यालय में अपने डोबो स्थित जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए अंचलाधिकारी को आवेदन किया था। विधायक के आवेदन करते ही जिला प्रशासन का पूरा महकमा विधायक की सेवा में जुट गया, फिर न नियम देखा न कानून। अंचलाधिकारी अथवा अंचल के किसी भी कर्मचारियों ने बगैर किसी परिवार को नोटिस या जानकारी देकर विधायक सविता महतो की जमीन की मापी करना शुरू कर दिया। बात यहीं खत्म नहीं हुई, पुलिस की मौजूदगी में पेड़ों की कटाई की गई और चारदीवारी निर्माण भी शुरू कर दिया गया। ग्रामीण अपनी बात कहते कहते थक गए लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। अंततः ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय, अनुमंडल पदाधिकारी, उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है और न्याय की मांग की है। ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने बताया है कि विधायक सविता महतो जिस जमीन पर अपना दावा कर रही हैं वह आदिवासी गुरुचरण भूमिज का खतियानी जमीन है। इसके अलावा आदिवासी भदरु भूमिज के नाम बंदोबस्ती जमीन है। वहीं, उक्त प्लॉट पर 15 – 17 परिवार पिछले 50 – 60 साल से बसे हैं जो चांडिल डैम के विस्थापित व भूमिहीन हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन्हें झारखंड आंदोलनकारी निर्मल महतो ने ही बसाया था। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया है कि उक्त जमीन आदिवासी गुरुचरण भूमिज का है। 1964 सर्वेक्षण (सेटलमेंट) के बाद त्रुटि सुधार के लिए कानूनी लड़ाई चली थी, जिसका केस संख्या 2108/1964 है। ग्रामीणों का दावा है कि उक्त कानूनी लड़ाई में अंचल कार्यालय द्वारा जालसाजी एवं फर्जीवाड़ा करते हुए सीएनटी एक्ट की धारा 90 के तहत संशोधन किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि फर्जीवाड़ा एवं जालसाजी करके प्लॉट संख्या 1231 का 5.58 डिसमिल, प्लॉट संख्या 1239 का 4.40 डिसमिल, प्लॉट संख्या 1238 का 2.13 डिसमिल तथा प्लॉट संख्या 1239 का 0.99 डिसमिल जमीन मि० स्टाब्स एवं मिसेस सुजा के नाम पर हस्तांतरित किया गया था। फिर वर्ष 2009 में इसी कहानी को पुनः दोहराया जाता है। सविता महतो (ईचागढ़ विधायक) द्वारा मि० स्टाब्स एवं मिसेस सुजा से जमीन खरीदा गया और अब उससे भी बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। यह फर्जीवाड़ा चांडिल अंचल कार्यालय द्वारा किया गया है। यहां ग्रामीणों ने बताया है कि मि० स्टाब्स एवं मिसेस सुजा से सविता महतो के नाम पर उपरोक्त प्लॉट संख्या की जमीन हस्तांतरित किया गया, जिसमें डिसमिल को एकड़ में अंकित किया गया है। अब जब विधायक सविता महतो अपने जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग कर रही हैं तो आदिवासी गुरुचरण भूमिज(खतियान जमीन ) तथा भदरु भूमिज (बंदोबस्ती जमीन) भी इसके जद में आ रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *