बेड़ो के बाजारटांड़ में 58 वीं 2024 को आदिवासियों का ऐतिहासिक पड़हा जतरा का आयोजन किया गया.

यहां पड़हा निशान लकड़ी के बने हाथी, घोड़ा, शेर पर सवार होकर पड़हा राजा रंपा-चंपा व झंडा के साथ पहुंचे. वहीं भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. बेड़ो बाजारटांड में आयोजित वार्षिक पाड़हा जतरा समारोह का नेतृत्व पूर्व कुलपति डॉ रवींद्रनाथ भगत ने किया. वहीं पद्मश्री मुकुंद नायक व पद्मश्री मधु मंसूरी व पड़हा राजाओं को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने परंपरा और संस्कृति को बचाये रखने का आह्वान किया. इस जतरा को लेकर रविंद्र नाथ भगत ने कहा हमारे पिता करमचंद भगत ने इसकी शुरुआत की थी जो अभी तक हम लोग भव्य रूप से इस मेले का आयोजन कर रहे हैं यह सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने का काम करती है साथ-साथ युवा वर्ग अपने संस्कृति समझे। वही पदम श्री मुकुंद नायक ने भी कहा यह यात्रा को हम लोग बहुत ही पहले सही देखता रहा हूं और इसमें शामिल होता रहा हूं इसके लिए स्वर्गीय करमचंद भगत जी का हम धन्यवाद करते हैं आदिवासी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए ऐसे जताराव मेले का आयोजन करता रहना चाहिएविशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद समीर उरांव ने भी अपनी बातें रखीं. डॉ रवींद्रनाथ भगत ने कहा कि पाड़हा व्यवस्था हमारी अनमोल विरासत है मौके पर पड़हा अध्यक्ष सुबोध लकड़ा, भाजपा नेता सन्नी टोप्पो, हादेव उरांव, अमन उरांव, बीरू पाहन, बबलू पहान, लोदो मुंडा, परना मुंडा, मदन उरांव, रोहित उरांव मौजूद थे.

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