झारखंड के जमशेदपुर में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की लापरवाही ने गर्भवती की जान ले ली। महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लेबर रूम के बाहर रविवार को पूजा देवी की प्रसव पीड़ा से तड़प कर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि लेबर रूम में एडमिट गर्भवती की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टॉफ ने उसे बाहर कर दिया। इस बीच गर्भवती प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। उसके माता-पिता, पति समेत अन्य परिजन इलाज करने के लिए डॉक्टर्स, पारा मेडिकल स्टॉफ से गुहार लगाते रहे, पर किसी का दिल नहीं पसीजा।
गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर, नर्स व अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसके बाद साकची पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिया तब जाकर मामला शांत हुआ। पूजा के पिता दिनेश प्रसाद रजक ने बताया, ‘बेटी को सही समय पर इलाज नहीं मिल सका। इस कारण उसकी मौत हुई।
लक्ष्मी नगर निवासी दिनेश प्रसाद रजक ने बताया, ‘रविवार सुबह आठ बजे बेटी पूजा देवी (23) को प्रसव पीड़ा होने पर उसे अस्पताल के महिला एवं प्रसूति रोग विभाग में दिखाया। इस दौरान डॉक्टरों ने देखा और भर्ती कर दिया। ब्लड बैंक से खून लाने के लिए कहा। परिजन खून लेकर आ गए। इस बीच महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद डॉक्टर मरीज को छोड़कर गायब हो गए। लेबर रूम से बाहर कर दिया। बेटी बाहर पड़े बेड पर तड़पती रही। उसका दर्द देखकर परिवार के लोग कई बार डॉक्टरों को बुलाने के लिए गए, लेकिन ड्यूटी पर कोई नहीं था। ड्यूटी पर तैनात नर्सों को समस्या बताई तो उन्होंने कहा कि कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसलिए मरीज को बाहर रखा गया है। दोपहर में डॉक्टर आए। इसके बाद सर्जरी करने की बात कहीं गई। ऑपरेशन थिएटर ले जाने की तैयारी की जा रही थी। इस बीच उसकी मौत हो गई।’
अस्पताल प्रबंधन की ओर से दावा- लापरवाही नहीं हुई
गर्भवती के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है। मरीज पहले से एनीमिक थी। उसे पहला बच्चा ऑपरेशन से ही हुआ था। डॉक्टरों ने देखने के बाद ही उसे भर्ती किया। इसके बाद उसकी कोरोना जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिर कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए उसे अन्य मरीजों से अलग कर आवश्यक तैयारी के बाद उसे ओटी में ले जाया गया। इस दौरान उसकी सांस तेज गति से फूलने लगी। पल्स भी गिरने लगा। हालांकि डॉक्टरों ने उसे बचाने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन नहीं बचा सके।
– डा. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, MGM