मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा विधायक सरयू राय के विरुद्ध चाईबासा स्थित विशेष एमपी एमएलए न्यायालय में दिनांक 10/5/23 को अपने अधिवक्ता प्रकाश झा द्वारा शिकायत वाद दाखिल किया गया था

जमशेदपुर बन्ना हो जाएंगे बौना मंत्री बनने के बाद हो जाते हैं मदमस्त अधिकारी लगते हैं डरने और अनियमितता और भ्रष्टाचार का हो जाता है बोलबाला यह कहना है झारखंड के पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय का
इसमें मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा विधायक सरयू राय के विरुद्ध आरोप लगाया गया था कि विधायक सरयू राय द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण उनके द्वारा उनके सोशल मीडिया हैंडल एवं स्थानीय मीडिया में गलत जानकारी एवं असत्य तथ्य प्रसारित किया गया है कि मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा प्रतिबंधित हथियार रखा गया है और इसका उपयोग किया गया है एवं g44 ब्लॉक निषेध हथियार है इसके बाद दिनांक 3. 5. 2023 को मंत्री बन्ना गुप्ता के अधिवक्ता द्वारा लीगल नोटिस भेजा गया था जिसका विधायक सरयू राय द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया था उक्त लीगल नोटिस की जगह कूड़े दान में बताया गया था न्यायालय द्वारा शिकायतकर्ता के द्वारा जमा किए गए दस्तावेज का परीक्षण किया गया जिस पर कोर्ट ने शिकायतकर्ता बन्ना गुप्ता के शिकायत को नन मेंटेनटेबल करार दिया गया साथ ही कोर्ट मैं शिकायतकर्ता बन्ना गुप्ता द्वारा कराए गए उपलब्ध तथ्यों और परिस्थितियों से अदालत ने यह नहीं पाया कि आरोपी सरयू राय के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है अतः कोर्ट ने विधायक सरयू राय के विरुद्ध दायर शिकायत संख्या 182 / 2023 को खारिज कर दीया इसके बाद सरयू राय ने अपना पक्ष रखते हुए कहा मैं जिस बात को मै कहता हूं वह तथ्य के आधार पर कानूनी पहलू देख कर कहता हूं उसे सुझाव के रूप में लें अपनी जो आचरण है इसमें बदलाव करें डंडे के बल पर समाज को हांकना और जो मन में आए मंत्री हो गए हैं तो वह करना तो यह संविधान का अबेलना है

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