पितकी गांव के ग्रामीण रात्रि में पहरेदारी देने पर मजबूर।प्रतिदिन कोई एकड़ धान की फसलों को नष्ट करते हे।

सरायकेला रिपोर्ट

कोल्हान के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत लुपुंगडीह पंचायत के गांव पितकी एंब बाना गांव के सैकडो ग्रामीण, गरीब किसान दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गजराज के झुंडो से जनजीवन अस्तवस्त ओर भयवित रहने लगे ,रात्रि में ग्रामीण गांव के चौक चौहरा में आग जलाकर , घर एंब धान की खड़ी फसलों की रखवाली करते देखा गया ,जान जोखिम में डाल कर विशाल हाथी की झुंड से आपने कमर तोड़ मेहनत , खून पसीना बहाकर धान की रोपनी करके धान की लहराती हुई खेती के खड़ी फसलों को जंगली हाथी की झुंड द्वारा साम ढलते हुए जंगल से उतर कर गांव ओर धान की खड़ी खेती में घुस कर आतंक मचाते रहा हे, ओर धान को अपना निवाला बना रहा हे ।जिसका सुरक्षा के गरीब किसान अपनी सुरक्षा और धान की की फसलों की सुरक्षा को देखते हुए दोनो गांव के ग्रामीणों हाथ में टच,मशाल , फटाखे,लेकर विशाल हाथी की झुंड को धान की खेती से भागने की प्रयास में जुटे हे। चार दिनो से हाथी की झुंड से आपने और परिवार के साथ धान के साथ विभिन्न प्रकार की सब्जी की खेती की सुरक्षा में निकले हे।ना जाने कब हाथी फसल और घरों को नष्ट न कर दे, चांडिल वन्य क्षेत्र पदाधिकारी कार्यालय को कोई बार सूचना दिया गया ,परंतु विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया ,जिसे ग्रामीणों मे बन विभाग के प्रति नाराजगी देखा गया ,चांडिल बन क्षेत्र से ग्रामीणों को हाथी भागने के लिए ना फटाखे ,ना टच दिया गया ,निजी स्तर से ग्रामीण किसी प्रकार।खरीदारी किए हे। बन विभाग द्वारा हाथी से सुरक्षा के लिए एलिफेंट ड्राइव टीम नही भेज गया । जिसे हाथी को जंगल की तरफ ड्राइव करके ले जा सेके । लगातर चार दिनो से जंगली हाथियों की झुंड द्वारा बाना एब पितकी गांव को ट्रागेट बनाकर रखे हे। एक तरफ दिपावली की तोहार दूसरी ओर हाथी की आतंक बना हुआ हे।जिसे जनजीवन लुपुंगडीह पंचायत ओर तिल्ला पंचायत के दर्जनों गांव हाथी की आतंक से परेशान हे।


विओ: चांडिल वन क्षेत्र के अधीन रसूनिया एंब बाना जंगल में डेरा डाला हुआ हे।दिन भर जंगल के अंदर यह तलाव में सुबह धान की फसल खाने के बाद हाथी मस्त होकर पानी में जलकीड़ा का आनंद लेते है। रात्रि में ग्रामीण महिलाए पुरुष जान जोखिम में डाल कर हाथी भागने निकलते है।रातभर फटाखे की आवाज।से गूंज उठते है। ग्रामीणों की संघर्ष की परिणाम होता हे जो हाथी।से।सुरक्षा करके कुछ भाग फसल घर तक पहुंचते हे जिसे किसान आपने बच्चे को खिलाते है, झारखंड राज्य में अब नक्सल डर दूर हो गया परंतु हाथी की भय ग्रामीणों को लगा रहता है।कब आंगन में आकर खड़े न हो । सुबह भी ग्रामीणों लगा रहा भीड़ , सुबह तक।गांव के आसपास रहे हाथियो का झुंड ।बन विभाग नही पहुंचे गांव में ।खाए धान की फसल कोई एकड़ जमीन पर लगे फसल को रोद कर नष्ट किया किसान आपने खेत में लगेधान को देखते ही होस उड़ गया।

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