जमशेदपुर विश्वकर्मा समाज ने मनाया 73वां गणतंत्र दिवस

26 जनवरी को पूरा देश में पूरे उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है इसी बीच जमशेदपुर विश्वकर्मा समाज ने भी कोरोना की तीसरी लहर के बीच ध्वजारोहण कार्यक्रम में मास्क और सामाजिक दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करते हुए केंद्रीय कार्यालय बाराद्वारी भवन के प्रांगण में आपसी समरसता और एकता का परिचय देते हुए 73वां गणतंत्र दिवस मनाया।

26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। इस के 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे।

यह संविधान ही है जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था।

संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी।
जमशेदपुर विश्वकर्मा समाज की महिला शशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदम में आज पहली बार जमशेदपुर विश्वकर्मा समाज के प्रांगण में विश्वकर्मा समाज की एक कर्मठ और समाज सेवी महिला श्रीमती रेणु शर्मा द्वारा ध्वजारोहण किया गया ।ध्वजरोहण के बाद बंदेमातरम और भारत माता का नारा लगाया गया।

आजादी मिलने और संविधान लागू होने के इतने बरसों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से लड़ रहा है। हम सभी को एक होकर इन समस्याओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। भारत को जब तक इस समस्याओं से बाहर नहीं निकालते तब तक स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा नहीं होगा। एक होकर प्रयास करने से एक श्रेष्ठ और विकसित विश्वकर्मा समाज एवम भारत का निर्माण होगा।
मौके पर जमशेदपुर विश्वकर्मा समाज के सम्मानित सदस्यगण उपस्थित हुए।

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