बैसाखी पर ‘गुरु का खालसा’ गुम्बद संगत को समर्पित, संगत ने मानगो में माथा टेक की विश्व शांति की अरदास

मानगो गुरुद्वारा की शान और पहचान बना ‘गुरु का खालसा’: भगवान सिंह
खालसा स्थापना दिवस के पावन मौके पर गुरुद्वारा सिंह सभा मानगो में ‘गुरु का खालसा’ गुम्बद संगत को समर्पित किया गया। गुरुवार को मानगो गुरुद्वारा में अकाली दल जमशेदपुर के पंज प्यारों ने ‘गुरु का खालसा’ गुम्बद का उद्घाटन किया।
इस मौके पर मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह समेत अन्य कमिटि सदस्यों ने अकाली दल की दस-सदस्यीय टीम को दस्तार भेंट कर उनका सम्मान किया। इससे पूर्व अखंड पाठ की समाप्ति उपरांत गुरमत अनुसार सिमरन करते हुए ‘बोले सो निहाल, सतश्रीअकाल’ के उद्घोष के साथ गुम्बद का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर संगत को सम्बोधित करते हुए भगवान सिंह ने कहा कि ‘गुरु का खालसा’ गुम्बद मानगो गुरुद्वारा की शान और पहचान बन गया है। जिसका उपयोग सिख बच्चों को सिख इतिहास के प्रति शिक्षित करने के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा गुरुघर में गुरमत ज्ञान सेंटर, लुधियाना से आये प्रचारक ज्ञानी नछतर सिंह ने बताया कि आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की थी उन्होंने बताया कि धर्म की रक्षा की खातिर इस पंथ की स्थापना हुई। इनके अलावा भाई अमरजीत सिंह दिल्ली वाले रागी बंधुओं ने शबद कीर्तन प्रस्तुत प्रस्तुत कर संगत का मन मोह लिया। ज्ञानी गुरप्रताप सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की जरूरत और आज के समय में की जा रही सेवाओं का भी बखान किया। कार्यक्रम के समापन के बाद गुरुद्वारा परिसर में लंगर का भी आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। बैसाखी कार्यक्रम को सफल बनाने में मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू, सुखवंत सिंह सुखु, सुखदेव सिंह, हरविंदर सिंह पप्पू, इकबाल सिंह, मनदीप सिंह, भगत सिंह, रविन्द्र सिंह के अलावा अन्य सदस्यों की अहम भूमिका रही।

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