झारखंड पान तांती समाज ने हो शिष्ट साहित्य खंड में लेखक धनुर सिंह पूर्ति द्वारा रचित हो दीशुम हो होनको नामक साहित्य के माध्यम से अपमान करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से पान तांती समाज के सम्मान को बचाए रखने हेतु पुस्तक के तीनों कहानियों को अविलंब निरस्त करते हुए प्रकाशित पुस्तिका की सभी प्रतियों को जप्त करते हुए बिक्री पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है. इस संबंध में समाज के लोगों ने बताया कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सचिवालय सहायक नियुक्ति परीक्षा 2022 के पाठ्यक्रम में सम्मिलित क्षेत्रीय भाषाओं के अंतर्गत हो शिष्ट साहित्य खंड में लेखक धनुर सिंह पूर्ति द्वारा रचित हो दिशूम हो हमको नमक पुस्तिका के भाग 7 में सम्मिलित तीन कहानियों में समाज के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है जिसे अगर अभिलंब नहीं हटाया गया तो समाज इसको लेकर आंदोलन को बाध्य हो जाएगा.